भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट
भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की घोषणा की है। देश में वाहन उत्पादन, बिक्री और निर्यात में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी सफलता है।
सबसे खास बात ये है कि अब भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और हाइब्रिड कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है। महंगे ईंधन और बढ़ती प्रदूषण की चिंता के कारण लोग अब पर्यावरण के अनुकूल विकल्प चुन रहे हैं। मारुति सुज़ुकी, हुंडई और महिंद्रा जैसी कंपनियां अब अपनी हाइब्रिड और EV मॉडल्स की पेशकश बढ़ा रही हैं, जिससे बाजार में विकल्प ज्यादा हो रहे हैं। FY25 में हाइब्रिड कारों की बिक्री 18% बढ़ी है, जो इस बदलाव का साफ संकेत है।
इसी बीच, कई नए वाहन मॉडल भी आ रहे हैं। अप्रैल 2025 में स्कोडा कोडियाक, बीएमडब्ल्यू 2 सीरीज, और किआ कैरेंस जैसे लग्जरी और मिड-साइज एसयूवी लॉन्च हुए या होने वाले हैं। विंफास्ट अपना पहला इलेक्ट्रिक SUV भारत में सितंबर 2025 में लॉन्च करने जा रहा है, जो इंडियन EV मार्केट में और भी रोमांच बढ़ाएगा।
सरकार ने E20 ईंधन के विस्तार की योजना बनाई है, जिससे देश को स्वच्छ और किफायती ईंधन मिलेगा, हालांकि पुराने वाहनों के लिए इसके कुछ maintenance की चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। भारत में GST में बदलाव की उम्मीद है, जिससे छोटे कारों की कीमतें कम होंगी और उनकी मांग बढ़ेगी, लेकिन इससे EVs की कीमतों पर असर पड़ सकता है जो उनके विकास को धीमा कर सकता है।
ऑटो क्षेत्र में कुछ चुनौतियां भी हैं। जून 2025 में कई सेगमेंट्स में बिक्री में धीमी गति देखी गई, खासकर CVs और passenger vehicles में। वित्तीय समस्याएं, नई लॉन्च की कमी, और सेकंड हैंड बाजार के विकल्प इस मंदी के कारण बताए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्र जैसे CNG वाहन और मध्यम कमर्शियल वाहन बढ़त पर हैं।
सुरक्षा भी बड़ी चिंता बनी हुई है। हाल ही में तमिलनाडु में Tata Harrier EV में एक दुर्घटना हुई, जिसने वाहन की ऑटोनोमस मोड सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। इस पर कंपनियां और सरकार ध्यान दे रही हैं ताकि उपभोक्ताओं का भरोसा बना रहे।
कुल मिलाकर, भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से तकनीकी बदलाव और पर्यावरण के अनुकूल पहल की ओर बढ़ रहा है। भविष्य में इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और स्मार्ट कनेक्टेड वाहन इसी उद्योग की नींव होंगे।